तनाव एक जीवन का ऐसा सच है जो बुजुर्गों और युवाओं दोनों को प्रभावित करता है। आज के समय में तनाव के कई कारण हैं लेकिन युवाओं के लिए पैसे की चिंता सबसे ऊपर है। आर्थिक परेशानियाँ उनके मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डाल रही हैं। युवाओं में आर्थिक तनाव के कई कारण हैं, जैसे कि बढ़ती महंगाई, शिक्षा ऋण, और महामारी के कारण रोजगार में रुकावट। यह सिर्फ एक व्यावहारिक समस्या नहीं है; आर्थिक तनाव शर्मिंदगी और आत्म-संदेह भी पैदा कर सकता है जिससे मानसिक स्वास्थ्य की अन्य समस्याएँ और बढ़ जाती हैं। खासकर युवाओं में, आर्थिक चिंता मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाला एक बड़ा कारण बनती जा रही है। वैश्विक आर्थिक अस्थिरता और भारी कर्ज का बोझ युवाओं के लिए तनाव और चिंता का मुख्य कारण बन गया है। यह समस्या विकासशील क्षेत्रों में और भी गंभीर है, जहाँ आर्थिक चुनौतियाँ युवाओं के तनाव और चिंता को और बढ़ा देती हैं।
आर्थिक चिंता और मानसिक स्वास्थ्य
आर्थिक चिंता का मतलब वित्तीय मामलों, जैसे कि बुनियादी जरूरतें पूरी करना, कर्ज चुकाना, और स्थिर आय पाने की चिंता से जुड़े लगातार तनाव और चिंता से है। शोध बताते हैं कि आर्थिक चिंता का मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जैसे अवसाद, चिंता, और मानसिक तनाव। यह समस्या अब दुनिया भर में व्यापक हो गई है। आर्थिक चिंता युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य को गहराई से प्रभावित करती है और विभिन्न देशों में इसके अलग-अलग सामाजिक-आर्थिक कारण और परिणाम देखे जाते हैं।
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क्यों युवाओं में आर्थिक तनाव इतना आम है?
युवाओं को आर्थिक तनाव महसूस करने के कई कारण हैं। इसका एक बड़ा कारण है वैश्विक महंगाई। Deloitte Global 2023 के सर्वे के अनुसार, 44 देशों के 14,483 युवाओं में से 46% Gen Z और 39% Millennials ने कहा कि वे अधिकतर समय तनाव या चिंता में रहते हैं। इसमें सबसे बड़ी चिंता जीवन-यापन की बढ़ती लागत है। नीचे वे मुख्य कारण दिए गए हैं जो युवाओं के आर्थिक तनाव को बढ़ाते हैं:
- घरों की ऊंची कीमतें: आज के समय में घर खरीदना पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा महंगा हो गया है। पहले की पीढ़ियां कॉलेज के कुछ साल बाद ही घर खरीद सकती थीं। अब लगभग दो-तिहाई युवा मानते हैं कि भविष्य में घर खरीदना और भी मुश्किल या असंभव हो सकता है।
- छात्र ऋण (Student Loan): कॉलेज की पढ़ाई का खर्च इतना बढ़ गया है कि कई युवा बिना भारी कर्ज लिए इसे पूरा नहीं कर सकते। 1992 में औसत छात्र ऋण (महंगाई के हिसाब से समायोजित) $6,000 से $7,000 के बीच था। 2022 तक यह बढ़कर 25-29 साल के युवाओं के लिए $16,000 और 30-34 साल के लिए $20,000 हो गया।
- नौकरी की अनिश्चितता: COVID-19 महामारी ने युवाओं की आर्थिक परेशानियों को और बढ़ा दिया। महामारी के कारण बेरोजगारी बढ़ी और कई उद्योगों में अभी भी सुधार चल रहा है। “पैंडेमिक स्किप” (महामारी के दौरान shutdown और remote learning/work की वजह से जीवन के महत्वपूर्ण पड़ावों को खोने का अनुभव) तनाव के स्तर को और बढ़ाता है। इससे अधिकतर युवाओं को माता-पिता पर आर्थिक रूप से निर्भर रहना पड़ता है।
- घर पर रहना: आज लगभग तीन में से एक युवा अपने माता-पिता के साथ रहता है। हालांकि, इससे पैसे बचाने और परिवार के साथ संबंध मजबूत करने में मदद मिलती है। लेकिन यह संघर्ष, दोस्तों से दूरी, और स्वतंत्रता हासिल करने में देरी जैसे मुद्दे भी पैदा करता है।
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आपके स्वास्थ्य पर प्रभाव
हालांकि कोई भी तनाव आपके स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है, लेकिन वित्तीय मुद्दों से जुड़ा तनाव विशेष रूप से हानिकारक हो सकता है। वित्तीय तनाव के कारण निम्नलिखित समस्याएँ हो सकती हैं:
- चिकित्सा देखभाल में देरी: आर्थिक तंगी के कारण लोग अपने बजट को बचाने के लिए ऐसी जगहों पर कटौती करते हैं, जहाँ नहीं करनी चाहिए, जैसे स्वास्थ्य सेवाएँ। Gallup के वार्षिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार, 2018 में 29% अमेरिकी वयस्कों ने खर्चों के कारण चिकित्सा देखभाल को टाल दिया। हालांकि यह तरीका पैसे बचाने का लग सकता है, लेकिन चिकित्सा देखभाल में देरी से स्वास्थ्य समस्याएँ और खर्च दोनों बढ़ सकते हैं जिससे तनाव और बढ़ जाता है।
- मानसिक स्वास्थ्य पर असर: वित्तीय और मानसिक स्वास्थ्य का संबंध अक्सर चक्रीय होता है, खराब वित्तीय स्थिति से खराब मानसिक स्वास्थ्य होता है जो बदले में वित्तीय स्थिति को और बिगाड़ देता है। शोध से पता चला है कि कर्ज़ में फंसे लोगों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ जैसे अवसाद और चिंता, कर्जमुक्त लोगों की तुलना में अधिक होती हैं।
- शारीरिक स्वास्थ्य पर असर: पैसे को लेकर लगातार तनाव का संबंध कई शारीरिक समस्याओं से पाया गया है, जैसे: सिरदर्द, पेट दर्द, माइग्रेन, हृदय रोग, मधुमेह, और नींद की समस्याएँ। जब हम लगातार तनाव में रहते हैं तो हमारा शरीर ठीक से उबर नहीं पाता और हमारी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। यदि पहले से कोई पुरानी बीमारी है तो इसके लक्षण और बढ़ सकते हैं।
- अस्वस्थ मुकाबला करने के तरीके: वित्तीय तनाव के कारण लोग अस्वस्थ आदतों में उलझ सकते हैं, जैसेः ज़्यादा खाना, अस्वस्थ खाना खाना, शराब या ड्रग्स का उपयोग। 2014 में प्रकाशित एक APA सर्वेक्षण के अनुसार, 33% अमेरिकियों ने कहा कि वे तनाव से निपटने के लिए अस्वस्थ भोजन या अधिक भोजन करते हैं।
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पैसे की चिंता आपके जीवन को कैसे प्रभावित कर सकती है?
1. पारिवारिक विवाद: पैसे की चिंता आपको चिड़चिड़ा और नाराज महसूस करा सकती है। बिल भरने की चिंता में आप अपनों से झगड़ा कर सकते हैं, खासकर जब वे स्थिति को गंभीरता से नहीं लेते है। पैसे के बारे में बातचीत टालना विवादों को और बढ़ा सकता है।
2. नींद की कमी: पैसों की चिंताओं के कारण रात को ठीक से सोना मुश्किल हो सकता है। लगातार नींद न आने से आपकी सेहत, याददाश्त और मूड खराब हो सकता है। इससे हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और चिंता जैसी समस्याएँ बढ़ सकती हैं।
3. जुआ खेलना: जब कर्ज़ और खर्चे ज्यादा लगने लगते हैं, तो कुछ लोग जुआ को आसान उपाय मान लेते हैं। लेकिन जुआ खेलना स्थिति को और खराब कर सकता है। एक अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों में ज्यादा चिंता थी, उनमें जुए की लत के लक्षण अधिक थे।
4. चीजें जमा करना (Hoarding): पैसे की चिंता आपको अनावश्यक चीजें जमा करने के लिए मजबूर कर सकती है, जैसेः
- एक्सपायर हो चुका खाना बचाना।
- पुराने रूमाल, बैग, या डिब्बे रखना।
- हर सामान के कई टुकड़े रखना “जरूरत पड़ने पर” ।
ज्यादा चीजें जमा करने से घर असुरक्षित और गंदा हो सकता है जिससे बीमारियां या चोट लगने का खतरा बढ़ सकता है।
5. नशे का सहारा लेना: जब पैसे की चिंता बहुत बढ़ जाती है, तो कुछ लोग शराब या ड्रग्स का सहारा लेते हैं। हालांकि ये चीजें अस्थायी राहत दे सकती हैं लेकिन समस्या को और बिगाड़ देती हैं। एक अध्ययन में पाया गया कि आर्थिक तनाव शराब की लत को बढ़ा सकता है, जिससे मानसिक और आर्थिक स्थिति और खराब होती है।
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निष्कर्ष
आर्थिक तनाव केवल वित्तीय स्थिति तक सीमित नहीं रहता है बल्कि यह मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को भी गंभीर रूप से प्रभावित करता है। यह तनाव युवाओं के जीवन की संतुष्टि और पारिवारिक संबंधों पर नकारात्मक असर डालता है। इसलिए समय पर इस समस्या को पहचानना और इसे कम करने के उपाय अपनाना बेहद जरूरी है। वित्तीय जागरूकता, सही योजना और भावनात्मक समर्थन से न केवल आर्थिक समस्याओं को हल किया जा सकता है, बल्कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाया जा सकता है।
References +
https://ijrpr.com/uploads/V5ISSUE8/IJRPR32446.pdf
https://www.newportinstitute.com/resources/mental-health/financial-str ess-mental-health/
https://www.verywellmind.com/understanding-and-preventing-financial- stress-3144546#:-:text=If%20your%20financial%20stress%20is, symptoms %20like%20stomachaches%20or%20headaches.
https://www.healthline.com/health/anxiety/money-anxiety#potential-im pact
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