आइसोलेशन OR ‘आई हैव सॉलुशन’
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आइसोलेशन OR ‘आई हैव सॉलुशन’

कोरोना का प्रभाव मानसिक स्थिति पर

आजकल सभी देशवासी लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं ताकि कोरोना के संक्रमण को रोका जा सके। इस तरह के लॉकडाउन के कारण हम अपने घरों में कैद हो रहे हैं और सभी बाहरी गतिविधियां रुक गई हैं। यह परिस्थिति कोरोना का प्रभाव हमारे मानसिक स्थिति पर विषम है। मनोवैज्ञानिक पहलू को सबसे अधिक प्रभावित किया है। जब आप अपने पड़ोसियों, मित्रों और दूरस्थ संबंधियों से बात करते हैं, तो आप पाएंगे कि वे सभी एक सी मानसिक स्थिति से गुजर रहे हैं। वे बोरियत और अस्तित्व के प्रति संकट की आशंका रखते हैं।

जब मैं बोरियत कहता हूं तो इसका सीधा सा अर्थ है कि हमारे पास कुछ नया करने को नहीं है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हम अपनी मर्जी से घर पर नहीं है, बस बिना किसी प्लान के लंबे समय के लिए रुकना पड़ रहा है और जब हमारे पास कुछ नया नहीं होता तब ही हम मनोवैज्ञानिक भाषा में अपनी मनोस्थिति को बोरियत कहते हैI

आइये इसके पीछे के मनोवैज्ञानिक कारणों को समझते हैं। हम में से अधिकांश लोग जीवन को एक निश्चित पैटर्न में जीने के आदी होते हैं। मसलन हमारे दैनिक व्यवहार, हमारी जॉब, हमारी सामाजिक जिम्मेदारियां,शॉपिंग का समय तथा घूमना आदि। ऐसे ही हमारे दैनिक व्यवहार हमारे निश्चित जीवन पैटर्न का उत्पाद बन जाते हैं और जब कभी भी हमारी इच्छा के विपरीत इस पैटर्न में बदलाव होता है तो हमारे व्यवहार पर उसका सीधा असर पड़ता है और बस ठीक यही स्थिति है जिसका अभी हम सामना कर रहे हैं।

 कोरोना का प्रभाव मानसिक स्थिति पर

दूसरी महत्वपूर्ण बात है वर्तमान में अस्तित्व पर संकट की आशंका। आज इस आशंका ने एक बड़ी जनसंख्या को तनावग्रस्त बना दिया है। इस सन्दर्भ में मैं कहना चाहूंगा कि ऐसा लगता है जैसे यह वायरस हमारे मस्तिष्क के बहुत अधिक करीब तक पहुंच गया है और इसमें सबसे अधिक योगदान उन अतिरंजित खबरों एवं विश्लेषणों का है जो हम तमाम दिन देख या सुन रहे हैं और उन्हीं के अनुरूप हमारी मनोस्थिति बन रही है। हम भूल रहे हैं कि जब हम तमाम एहतियात बरत रहे हैं एवं स्वस्थ हैं तब भी हम तनाव क्यों ले रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि हम यह तनाव खुद पैदा कर रहे हैं।


इस संदर्भ में मुझे रशियन लेखक ‘एंटान चेखोव’ की एक कहानी याद आती है – ‘द बेट’। कहानी एक वकील और एक बैंकर की एक शर्त पर आधारित है। जैसे ही कहानी खुलती है, एक बैंकर एक शर्त के अवसर को याद करता है जो उसने पंद्रह साल पहले की थी। उस दिन वे जिस पार्टी की मेजबानी कर रहे थे, उसमें सभी अतिथि मृत्युदंड की चर्चा में पड़ गए। बैंकर ने इसे आजीवन कारावास की तुलना में अधिक मानवीय के रूप में देखा, जबकि एक युवा वकील ने असहमत होते हुए कहा कि वह मृत्यु के बजाय जेल में जीवन का चयन करेगा। वे एक शर्त के लिए सहमत हुए।

यदि वकील कुल अलगाव में पंद्रह साल खर्च कर सकता है, तो बैंकर उसे दो मिलियन रूबल का भुगतान करेगा। वकील का किसी अन्य व्यक्ति के साथ कोई सीधा संपर्क नहीं होता, लेकिन वह बाहरी दुनिया के साथ संवाद करने और अपनी इच्छानुसार जो कुछ भी प्राप्त करता है उसे नोट कर सकता था।

बैंकर की संपत्ति पर एक अतिथि कक्ष में सीमित, वकील पहले अकेलेपन और अवसाद से अनुभव करता है लेकिन अंततः विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला में पढ़ना और अध्ययन करना शुरू कर देता है। जैसे-जैसे वह शिक्षित होने के लिए एकांत का लाभ उठाता है और वर्षों में विभिन्न तरीकों से खुद को खुश करता है, बैंकर की किस्मत कम होने लगती है। उसे पता चलता है कि अगर वह हार जाता है, तो दांव से भुगतान करने से दिवालिया हो जाएगा। दिन के शुरुआती घंटों में जब पंद्रह साल की अवधि समाप्त होने को होती है।

बैंकर वकील को मारने का संकल्प करता है,और एक रात उसे मारने के लिए जाता है लेकिन और मेज पर रखे वकील द्वारा लिखे गए एक नोट से पता चलता है कि उसने शर्त को छोड़ने के लिए चुना है, यह जानकर कि भौतिक वस्तुएं क्षणभंगुर हैं और पैसे से अधिक दिव्य मोक्ष का मूल्य है। तभी चौकीदार रिपोर्ट करता है कि वकील खिड़की से बाहर निकल गया है और संपत्ति को दांव पर लगाकर भाग गया है। अफवाहों के प्रसार को रोकने के लिए, बैंकर ने नोट को अपनी तिजोरी में बंद कर दिया।

बस आज के समय में यही कहानी हमारे लिए प्रेरणा बन सकती है। सबसे पहले तो इस समय अवधि के लिए आपको अपने निश्चित जीवन पैटर्न से हटकर नए काम प्लान करने होंगे, जैसे माता-पिता और बच्चों के साथ व्यक्तिगत समय व्यतीत करना। यह आपके लिए एक शानदार अनुभव होगा। बच्चों के लिए नए प्रोजेक्ट बनाकर खुद को रचनात्मक रूप से व्यस्त कर सकते हैं।

प्रत्येक नया कार्य आपको एक तरह की नई ऊर्जा से भर देगा और हां सबसे बढ़कर यह समय है प्रकृति के साथ एक सामंजस्य बनाने का, क्योंकि इस वक्त मानवीय गतिविधियों की कमी के कारण प्रकृति अपने शुद्धतम रूप में है तो अपने आंगन की सुबह की खुली हवा मे जाइए,बगीचे के फूलों की सुंदरता को देखिए। इसके लिए आपके निश्चित जीवन पैटर्न में पहले कोई समय नहीं था। फिर अस्तित्व आपको कभी भी संकट में नहीं लगेगा बल्कि आप खुद को अस्तित्व के साथ जुड़ा हुआ महसूस करेंगे।
Stay Home, Stay Safe…..

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