द्विध्रुवीय विकृति (Bipolar Disorder) में न्यूरोट्रांसमीटर की भूमिका
Health Hindi

द्विध्रुवीय विकृति (Bipolar Disorder) में न्यूरोट्रांसमीटर की भूमिका

1-14

न्यूरोट्रांसमीटर की भूमिका कुछ रिसर्चो से उजागर होती है। पोस्ट (मनोवैज्ञानिक का नाम) एवं उनके सहयोगियों ने 1980 के अपने अध्ययन में पाया कि नोरइपाइनफ्राइन की मात्रा अधिक होने से व्यक्ति में उन्मादी अनुभूतियाँ अधिक होती है तथा निम्नस्तर होने से विषाद की उत्पत्ति होती है। टेलनर तथा इनके सहयोगियों के अध्ययनों से भी हुआ है। जब द्विध्रुवीय विकृति के रोगियों को रिसरपाईन दिया गया हैं (जिसमें रोगी के रक्तचाप को कम कर दिया जाता है) तो इससे नोरइपाफ्राइन की आपूर्ति मस्तिष्क में कम हो जाती है तथा रोगियों का उन्मादी लक्षण कम हो गया । नोरइपाइनफ्राइन का स्तर ऊँचा होने से उन्मादी घटनाओं का अनुभव होता है। उच्च-नौरइपाइन फ़ाइन की मात्रा तथा उन्मादी अनुभूतियां के संबंध का समर्थन लिथियम (Lithium) नामक औषध के प्रभावों को देखने के लिए किय गए शोध से भी हुआ है ।

बन्नी तथा गारलैंड, 1984 के  द्वारा किये गए शोधों से यह स्पष्ट हुआ कि लिथियम एक औषध हैं जो मस्तिष्क के मुख्य भागों में नोरइपाइन फ्राइन के स्तर को कम करके उन्मादी लक्षणों को कम करता है। इससे स्पष्ट हुआ कि उन्माद उच्च नोइपाइ फ्राईन की मात्रा से संबंधित होता है । चूंकि सीरोटोनिन का प्रभाव विषाद के संदर्भ में नोरईपाइनफ्राइन के समान होता है अतः इस क्षेत्र के शोधकर्ताओं का मानना है कि सीरोटोनिन की आपूर्ति अधिक होने से उन्मादी अनुभूतियाँ उत्पन्न होगी । बन्नी एवं गारलैंड (Bunney & Garland 1984) ने भी सीरोटोनिन तथा उन्माद के संबंध पर कुछ ऐसा ही टिप्पणी किया है।

इस प्रकार विरोधी प्रभाव से सार्थक अर्थ निकालने हेतु प्रेज तथा उनके सहयोगियों ने 1974 में मनोदशा विकृति के एक नया सिद्धांत जिसे अनुज्ञात्मक सिद्धांत (Permissive theory) कहा गया । इस सिद्धांत के अनुसार सीरोटोनिन का निम्न स्तर मनोदशा विकृति की शुरूआत करता है और मस्तिष्क के नोरईपाइनफ़ाइन क्रियाओं से उत्पन्न विकृति के विशेष प्रारूप को परिभाषित करने की अनुज्ञा या आज्ञा देता है । यदि सीरोटोनिन का निम्न स्तर के बाद नोरईपाइनफ़ाइन का उच्च स्तर उत्पन्न होता है तो इससे रोगों में उन्माद (Manic) की अवस्था उत्पन्न होगी। सीरोटोनिन तथा नोरईपाइनफ्राइन (Norepinephrine) आपस में इस ढंग से अंतक्रिया करके द्विध्रुवीय विकृति (Bipolar disorder) उत्पन्न करता है । मनोदशा विकृति निश्चित रूप से इन दोनों तरह के न्यूरोट्रांसमीटर के कार्य में किसी न किसी तरह के असामान्यता की ओर इशारा करता है ।

Leave feedback about this

  • Rating
X