सोशल मीडिया की लत एक ऐसा रोग है जिसमें एक व्यक्ति अपना पूरा समय ऑनलाइन बिताता है। यह लत साधारण नहीं है, बल्कि कई शोधकर्ताओं ने इसकी तुलना शराब, तंबाकू जैसे अन्य हानिकारक पदार्थों के लतों से की है। यदि आप सोशल मीडिया की लत के शिकार हैं, तो आप बिना किसी नशीले पदार्थ का सेवन किए, रोज़ाना मानसिक रूप से नुकसान उठा रहे हैं। अगर आप पूरे दिन सोशल मीडिया का उपयोग काम करने के लिए करते हैं, जैसे न्यूज मीडिया, कंटेंट क्रिएशन आदि तो जरूरी नहीं कि आपको इसकी लत लग गई है। यदि इसका अधिक उपयोग आपके मानसिक स्वास्थ्य पर जोर डाल रहा है तब आपको सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
क्या आपको सोशल मीडिया की लत लगी है?
कई लोग यह सोचते हैं कि अगर वें रोज 1-2 घंटे सोशल मीडिया का कम इस्तेमाल करेंगे तो इसकी लत से बच जाएंगे, लेकिन सिर्फ कुछ घंटे कम सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने से आप इसके लत से नहीं बच सकते हैं। वैसे सोशल मीडिया की लत के लिए कोई ऑफिशियल या समग्र रूप से माना जाने वाला समय सीमा नहीं हैं। इसका निर्धारण आमतौर पर समय के बजाय निम्नलिखित व्यवहारिक पैटर्न पर निर्भर करता है:
- सोशल मीडिया की प्रबलता (Preoccupation With Social Media): अगर आप लगातार सोशल मीडिया के बारे में सोचते रहते हैं या इसे उपयोग करने की योजना बनाते रहते हैं, तो यह एक संकेत हैं कि आप इसके लत के शिकार बनते जा रहें हैं।
- उपयोग कम करने में असमर्थता (Inability to Reduce Usage): अगर लाख प्रयास करने के बाद भी आप सोशल मीडिया के इस्तेमाल को कम नहीं कर पा रहें हैं, तो यह दूसरा संकेत है कि आप इसके लत के शिकार बनते जा रहें हैं।
- जीवन पर नकारात्मकता प्रभाव (Negative Impact on Life): अगर सोशल मीडिया का उपयोग आपके जिंदगी के निजी हिस्से जैसे कि रिश्तें और आपके काम जैसे स्कूल, ऑफिस आदि क्षेत्रों में बाधा उत्पन्न कर रहा है, तो इसका गंभीर विषय के रूप में चिंतन कीजिए।
- वापसी का लक्षण (Withdrawal symptoms): अगर सोशल मीडिया के उपयोग से आप हमेशा बेचैन या चिंतित महसूस करते हैं तो यह भी लत लगने का एक साफ संकेत है। अगर समय से पहले अपने कदम पीछे नहीं उठाते हैं तो आपके मानसिक स्वास्थ्य पर भी इसका गहरा असर हो सकता है।
- सहनशीलता (Tolerance): जब आपको सोशल मीडिया का उपयोग करते समय पहले जितनी संतोषजनक अनुभूति नहीं मिलती, तो आप अधिक समय तक इसका उपयोग करने लगते हैं। यह संकेत करता है कि आपको उसकी लत बढ़ रही है, और वे संतोषजनक अनुभव पाने के लिए लगातार सोशल मीडिया पर बिताए गए समय को बढाते जातें हैं।
अगर आपको प्रस्तुत किए गए लक्षण हैं तो तुरंत ही इस पर विचार कीजिए।
सोशल मीडिया की लत को कैसे कम करें?
जिस प्रकार एक दिन में वजन कम किया नहीं जा सकता, जिस प्रकार एक शिशु अचानक से युवा नहीं बन सकता, इसी प्रकार सोशल मीडिया एक दिन इस्तेमाल नहीं करने से इसकी लत नहीं छूट सकती। एक दिन में नहीं पर एक दिन जरूर छूट सकती है। धैर्य और सयंम से कोई भी अच्छी आदत अपनाई जा सकती हैं। निम्नलिखित पांच आदतों को इस्तेमाल कर आप इसकी लत को कम कर सकते हैं:
- समय सीमा तय करना (Set time limits): सोशल मीडिया पर बिताए जाने वाले समय की सीमा को निर्धारित करें और उसका पालन करें। आज के समय में आप हर एप्लीकेशन के इस्तेमाल का समय निर्धारित कर सकते हैं। यह फीचर आप अपने फोन में भी निर्धारित कर सकते हैं।
- विचलित करने वाली सूचनाएं बंद करें (Turn off Notifications): कोई अन्य जरूरी काम करते समय अपने फोन के नोटिफिकेशन को बंद करदे। इससे आपका ध्यान नहीं भटकेगा।
- व्यस्त रहें (Stay engaged): जितना हो सके उतना दूसरे कामों पर ध्यान देने की कोशिश किजिए। अगर आप घर पर हैं तो परिवार के साथ समय बिताए या छोटे काम निपटालें। आप शारीरिक गतिविधियां जैसे भागना, वॉक पर जाना, और प्रकृति में समय बिताने की कोशिश करें।
- सोशल मीडिया की आदतें बदलें (Change Social Media Habits): उपयोग का समय और दिनाचार्य को बदलें, जैसे सोने से पहले सोशल मीडिया ना देखें। इससे नींद अच्छी तरह से पूरी नहीं होती और सुबह सुस्ती और आलस्य भी होता है।
- स्वयं की समीक्षा करें (Self evaluate): नियमित रूप से अपने सोशल मीडिया उपयोग का मूल्यांकन करें और सुधार की दिशा में कदम उठाएं। यह आपको सोशल मीडिया कि लत से छूटने के लिए एक साफ निर्देश प्रकट कर सकता है।
2024 तक, विश्व में लगभग 4.9 अरब लोग सोशल मीडिया का उपयोग कर रहे हैं। जिसमे से अधिकतम संख्या में लोग दिन में 3-4 घंटे से अधिक समय बिता रहे हैं। एक अध्ययन के अनुसार, लगभग 210 मिलियन लोग सोशल मीडिया की लत के शिकार हो चुके हैं, जिससे उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ा है। युवाओं में इसके अधिक उपयोग से डिप्रैशन और चिंता जैसी मानसिक समस्याओं का खतरा 25% तक बढ़ जाता है। खासकर 16–24 वर्ष की आयु वर्ग में यह समस्या अधिक देखने को मिल रही है। प्रस्तुत आंकड़े खुद चिंता पैदा करने वाले विषय की बात है। यह आंकड़े नहीं बल्कि एक चेतावनी है कि देश के युवा घोर अन्धकार के तरफ बढ़ रहे हैं। इसलिए हमे अभी और इसी वक्त सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर लगाम कसने की जरूरत है।
सोशल मीडिया का विवेकपूर्ण उपयोग, समय सीमा का पालन, और मानसिक स्वास्थ्य की नियमित समीक्षा आवश्यक हैं। हमें व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से इसके दुष्प्रभावों को पहचान कर जागरूकता फैलाने और स्वस्थ डिजिटल आदतों को अपनाने की जरूरत है। यही समय है कि हम सोशल मीडिया के संतुलित उपयोग को सुनिश्चित करें और इसके लाभों को सुरक्षित रूप से प्राप्त करें, जबकि इसके संभावित नुकसान से खुद को बचाएं।
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